पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल ‘Ash Ki Baat’ पर एक ऐसा बयान दिया जो चर्चा का विषय बन गया है। एशिया कप 2025 के लिए घोषित टीम में शीर्ष खिलाड़ियों श्रेयस अय्यर और यशास्वी जायसवाल का चयन नहीं होना, अश्विन को बेहद अनुचित लगा।

अश्विन ने कहा कि ऐसे खिलाड़ी “रोज अपनी टीम के लिए व्यक्तिगत आत्मबल छोड़ देते हैं” — वे अपनी जगह पर टिककर टीम को जीत दिलाने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं। लेकिन अब उन्हें यह विचार करना पड़ रहा है कि:
“अगर मैं अय्यर या जायसवाल होता, तो अगली बार मैं जोखिम नहीं लेता; मैं केवल अपनी जगह बचाने के लिए खेलता।”
इसका भाव यह है कि चयन में इस तरह की अमानवीय पॉलिसी और पारदर्शिता की कमी खिलाड़ियों का विश्वास तोड़ सकती है।
चयन पर अश्विन की नाराज़गी
अश्विन ने जोर देते हुए कहा कि ये खिलाड़ी न केवल अपने प्रदर्शन से साबित हुए हैं बल्कि टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाते आए हैं:
- श्रेयस अय्यर ने IPL और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार प्रदर्शन कर अपनी क्षमता दिखाई है |
- यशस्वी जायसवाल, युवा होकर भी अपनी निरंतरता से चमके — इस वर्ष IPL और इंटरनेशनल मैचों में उनके प्रदर्शन की चर्चा रही|
उनका कहना है कि चयनकर्ताओं को इस विषय पर सजग और संवेदनशील होना चाहिए — गीत आधारित चयन युवा खिलाड़ियों की मानसिकता पर असर डालते हैं।

** सारांश तालिका**
बिंदु | विवरण |
---|---|
बयान का सार | “जो टीम के लिए खेलते हैं, उन्हें खुद के लिए खेलने पर मजबूर होना…” |
विवादित खिलाड़ी | श्रेयस अय्यर और यशस्वी जायसवाल — जिन्होंने अपनी प्रतिभा से टीम को सशक्त किया |
अश्विन की चिंता | चयन में पारदर्शिता की कमी, युवाओं का मनोबल गिरने का डर |
टीम चयन पर प्रभाव | खिलाड़ी भविष्य में जोखिमशून्य रवैये की ओर बढ़ सकते हैं |
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